फ्री फायर पबजी ,मोबाइल पर गेम खेलने के नुकसान, फ्री फायर स्टॉप free fire game,pubg ये सब game के दिनों दिन नुकसान बढ़ते जा रहे है।
पबजी फ्री फायर के चक्कर में भाई की हत्या का मामला आया सामने
Free Fire – Pubg : नागौर। बदलते वक्त में आजकल युवाओं व बच्चों में (Online Gamin) ऑनलाइन गेमिंग की ऐसी लत लग चुकी है कि अब वे गेम (Free Fire – Pubg ) खेलने के लिए किसी की हत्या को भी अजांम दे सकते है।
फ्री फायर पबजी
ऐसा ही एक मामला नागौर जिले (Ladnun, Nagaur) के लाडनू क्षेत्र से सामने आया है कि 16 वर्षीय नाबालिग पबजी, (Free Fire – Pubg Game) तीन पती ताश और फ्री फायर गेम में रुपये लगा देने के बाद वह कर्ज में आ गया।
इस कर्ज का चुकाने के लिए उसने अपने ही 12 वर्षीय चचेरे भाई की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस इस मामले में गहनता से जांच कर रही है।
Pubg Free Fire Game : फ्री फायर पबजी से ऐसे दिया अंजाम
नागौर जिले के लाडनूं तहसील के 16 वर्षीय नाबालिग ने पबजी और फ्री फायर (PUB G -Free Fire Game) के साथ तीन पती ताश की ऐसी लत लगी कि वह कर्ज के बोझ तले दबता गया। जब कर्ज अधिक बढ़ गया तो उसे कोई रास्ता नजर नही आया। इसी बीच उसने साथ खेलेन वाले चचेरे भाई प्रवीण कुमार (12) के जरिये रुपये वसूलने की योजना बनाई।
मामले में सामने आया है कि नाबालिग आरोपी ने इस किलिंग के बाद बड़े ही शातिराना ढंग से मृतक मासूम के मोबाइल फोन से सिम निकाल कर बाहर फेंक दी। खुद के बड़े भाई के मोबाइल को चोरी कर ईमित्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट लिखवाई।
इसके बाद उसी मोबाइल के वाई फाई हॉटस्पॉट से मृतक मासूम के मोबाइल में इंटरनेट चलाया। इंस्टाग्राम पर फेक आईडी बनाई और असम में बैठे अंकल से 4 दिन तक 5 लाख की फिरौती के लिए बार्गेनिंग करता रहा।
सबूत मांगा तो मोबाइल कवर और चप्पल की फोटो भेजी
असम में बैठे अंकल ने मासूम प्रवीण के किडनेपिंग और इंस्टाग्राम आईडी से फिरौती मांगे जाने की जानकारी पुलिस से शेयर कर दी।
लाडनू SHO राजेंद्र कमांडों ने बताया कि इसके बाद हमने अंकल को किडनैपर को चेटिंग में लगातार पजल्ड रखने और रैनसम मनी देने से पहले मासूम उसके कब्जे में होने को लेकर सबूत मांगने को कहा।
जब पुलिस के बताये अनुसार अंकल ने मेसेज भेजा तो आरोपी नाबालिग ने पहले तो प्रवीण के मोबाइल के बेक कवर और चप्पलों की फोटो भेजी।
जांच-पड़ताल में IP लोकेशन का पता चला फ्री फायर पबजी
इधर पेरेलल चल रही पुलिस की सायबर तकनीक से जांच-पड़ताल में सामने आया कि जिस इंस्टाग्राम आईडी से फिरौती मांगी जा रही थी, उसका IP एड्रेस मासूम के साथ गायब हुए मोबाइल का था। लोकेशन उसके गांव की ही आ रही थी। मोबाइल में इंटरनेट दूसरे मोबाइल के हॉटस्पॉट से चलाया जा रहा था। मामले की गहराई से जांच की तो मासूम के नाबालिग चचेरे भाई पर शक हुआ। चचेरे भाई से पूछताछ की उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
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