स्वर्ण प्राशन: मकराना के निकटवर्ती ग्राम बुडसू की स्प्रिंग वेल्टी कान्वेंट स्कूल में गुरुवार को आयुर्वेदिक विभाग द्वारा बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाई पिलाई गई ।
मकराना विकास अधिकारी धन सिंह राठौड़ ने बच्चों को स्वर्ण प्राशन दवा पिलाकर विधिवत शुभारंभ किया
राठौड़ ने बताया कि हमारे देश मे कोरोना की तीसरी लहर ने प्रवेश कर लिया है इसलिए हमें कोरोना गाइड लाइन्स का विधिवत रूप से पालन करना चाहिए ।
चिकित्सक सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए हम सभी को सावधानी बरतनी चाहिए।
स्वर्ण प्राशन दवा 16 वर्ष से कम आयु के बच्चो लिए एक अमृत के समान है जो बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है ।
स्वर्ण प्राशन दवा क्या है?
स्वर्ण प्राशन संस्कार स्वर्ण (गोल्ड) के साथ शहद, ब्रह्माणी, अश्वगंधा, गिलोय, शंखपुष्पी, वचा आदि जड़ी बुटियों से निर्मित एक रसायन है। जिसका सेवन पुष्य नक्षत्र के दौरान किया जाता है। स्वर्णप्राशन संस्कार से बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक गति में अच्छा सुधार होता है। यह बहुत ही प्रभावशाली और इम्युनिटी बूस्टर होता है, जो बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करता है।
स्वर्ण प्राशन संस्कार से विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता बच्चों पैदा होती है। आयुर्वेद के क्षेत्र से जुड़े हमारे ऋषि मुनियों एवं आचार्यों ने हजारों वर्षों पूर्व वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियों से लड़ने के लिए एक ऐसा रसायन का निर्माण किया जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है। स्वर्ण प्राशन का अर्थ होता है स्वर्ण (सोना) का सेवन।
इस दौरान मकराना पंचायत समिति के सहायक विकास अधिकारी अरविंद स्वामी, जयप्रकाश जांगिड़, विद्यालय संचालक मनोज स्वामी ,वीरेंद्र सिंह चिंडालिया, संपत सिंह गिंगालिया , रवि राठौड़ सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे
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